क्योंकि आपके हौंसले ज़िन्दगी के हर इम्तिहान से बड़े हैं..

ज़िन्दगी में हर चीज़ के दो पहलू होते हैं |  धूप है तो छाँव भी है | अँधेरा है तो उजाले भी हैं | मुश्किलें हैं तो मंज़िलें भी हैं | और ज़िन्दगी का सबसे बड़ा सच ये हैं की ज़िन्दगी हमेशा एक जैसी नहीं रहती | हर घडी, हर लम्हा ज़िन्दगी बदलती रहती है |वो  ज़िन्दगी जो कभी हमें सर आँखों पे बिठा लेती हैं वही ज़िन्दगी कभी सिर्फ एक ठोकर से धुल भी चटा देती हैं | ज़िन्दगी में अगर कभी सब हमारे हिसाब से होता हैं तो कभी सब हमारी चाहत, हमारी मर्ज़ी के खिलाफ होता है |  इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता की आपका हुनर क्या है , आप कितने होशियार है , इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता की की आप कितने होनहार हैं और इस बात से भी कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता की आप कितने तैयार है क्योंकि ज़िन्दगी तारीख बता के इम्तेहान नहीं लेती और इंसान गोरा हो या काला , अमीर हो या गरीब, अच्छा हो या बुरा इम्तेहान सबको देना पड़ता है |  हर इंसान की ज़िन्दगी में वो वक़्त आता हैं जब कुछ सही नहीं होता,  हम जो चाहे वो नहीं होता, जब हमारी हर चाल उलटी पड़ने लगती है , जब ज़िन्दगी पहेली की तरह उलझने लगती है | आपकी ज़िन्दगी में आज जो परेशानी जो अँधेरा है, आपको जिन मुश्किलों जिन चुनौतियों ने घेरा है, वह एक इम्तिहान से ज्यादा कुछ नहीं है. ज़िन्दगी आपकी तैयारी देखकर आपका इम्तिहान नहीं लेती, बल्कि इम्तिहान लेके आपको तैयार करती है. और यह इम्तिहान ही आपको ऊपर उठाता है, यह इम्तिहान ही आपको आगे बढ़ता है. यह इम्तिहान ही आपको और काबिल और मजबूत बनाता है. जब जेब में पैसे हों और सब हमारे हिसाब से हो रहा हो तो हर इंसान अच्छा महसूस कर सकता है, जब वक़्त अच्छा हो तो हर इंसान पॉजिटिव हो सकता है, हर इंसान यक़ीन रख सकता है, हर इंसान सपने देख सकता है, लेकिन किरदार, किरदार तो तब बनता है जब हवाओं के खिलाफ उड़ना पड़ता है, जब लहरों के साथ नहीं लहरों के खिलाफ तैरना पड़ता है। और वो लोग जो इन मुश्किल घड़ियों में भी होंसला बनाये रखते हैं, वो लोग जो इन मुश्किल घड़ियों में भी अपने पैर जमाये रखते हैं, जिंदगी उन्ही को सिर्फ उन्हीं को ले जाती है एक सीढ़ी ऊपर, एक लेवल ऊपर। आप चाहे या न चाहे ज़िन्दगी में अगर कुछ बुरा होना है, तो वो हो के रहेगा, जो हुआ है या जो होगा उस पर आपका वश  नहीं है, लेकिन जो वश में है, क्या आप वो करने को तैयार हैं? क्या आप तैयार हैं खुद पे यक़ीन बनाये रखने को? क्या आप तैयार हैं अपने सपनों के साथ खड़े रहने को? क्या आप तैयार हैं ज़िन्दगी को ये बताने को कि आपका होंसला ज़िन्दगी के हर इम्तिहान से बड़ा है। हाँ ये सच है, कि ये आसान नहीं होगा, हवाओं के खिलाफ उड़ना आसान नहीं होगा, मुश्किलों में भी हिम्मत बनाये रखना आसान नहीं होगा, लेकिन ये भी ता सच है की अगर ये इतना ही आसान होता तो दुनिया में हर इंसान कामयाब होता। लेकिन ऐसा होता नहीं क्योंकि अक्सर लोग घबरा जाते हैं, और सफर अधूरा छोड़ के अधूरे सपनों के साथ लौट जाते हैं। अगर मंज़िल तक पहुंचना है तो चलते रहना होगा, हर दर्द हर परेशानी को सहना होगा क्योंकि सपने उन्हीं के पूरे होते हैं जिनका सफर पूरा होता है. बहारों में फूल उनकी पेड़ों पर खिलते हैं, जो पतझर में भी अपनी जड़ों को जमाये रखते हैं, अपना होंसला बनाये रखते हैं।  ज़िन्दगी आपकी है तो तय भी आपको ही करना होगा की इस इम्तिहान से आप खुद को टूट जाने देंगे, सपनों को हाथों से छूट जाने देंगे, या फिर बताएँगे दुनिया को कि आप मजबूती से अपने सपनों के साथ खड़े हैं , " क्योंकि आपके हौंसले ज़िन्दगी के हर इम्तिहान से बड़े हैं "। 

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